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UPS v/s NPS: यूपीएस या एनपीएस? कौनसी पेंशन स्कीम है ज्यादा फायदेमंद, जान ले हर एक बात

केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए एक नई योजना शुरू करने जा रही है जिसका नाम यूनीफाइड पेंशन स्कीम (UPS) है। इस योजना को केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2024 को शुरू करने की घोषणा की है। यह यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS), नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) का विकल्प होगी।

केंद्र सरकार द्वारा दिसंबर 2024 में यूपीएस पेंशन स्कीम के लिए गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी। अभी यूपीएस स्कीम का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। कर्मचारियों को 31 मार्च तक यूपीएस स्कीम या एनपीएस स्कीम को चुनने का विकल्प दिया जाएगा।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम में कर्मचारी पुरे पेंशन फंड में निवेश कर सकेंगे। कर्मचारियों को रिटायरमेंट होने पर एकमुश्त राशि नहीं दी जाएगी। वे कर्मचारी जो यूपीएस और एनपीएस स्कीम में तुलना करना चाहते है वे हमारे इस लेख को पूरा पढ़े।

हम आपको यूपीएस स्कीम के बारे में विस्तार से बताने वाले है। यूपीएस स्कीम एनपीएस स्कीम से ज्यादा फाययदमंद है लेकिन ओपीएस स्कीम जितना नहीं। इस नहीं पेंशन स्कीम का उदेश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद बेहतर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना।

यूपीएस स्कीम को कोनसी चीजे बनती है खास?

– यूनिफाइड पेंशन स्कीम की पहली ख़ास बात यह है की कर्मचारियों को अपने फंड में जमा 100% राशि को निवेश करने का मौका मिलेगा। जबकि एनपीएस में कर्मचारी सरकार की ओर से सुझाए गए 12 सर्विस प्रोवाइडर के जरिए ही अपना निवेश कर सकते है। यह ख़ास बात यूपीएस को एनपीएस से ख़ास बनाती है।

– यूपीएस का लाभ ले रहे केंद्रीय कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अपनी पूरी पेंशन राशि निकालने का विकल्प नहीं मिलेगा। यानी की कर्मचारी के फंड में जमा पूरी राशि का उपयोगी पेंशन बनाने में किया जाएगा। जबकि एनपीएस पेंशन में कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय 60% राशि निकालने की सुविधा दी जाती है और 40% राशि से पेंशन बनती है।

– इसके अलावा यूपीएस स्कीम में सरकार अपना अंशदान भी बढ़ाएगी। यूपीएस में सरकार 18.50% योगदान देने वाली है जबकि एनपीएस में कर्मचारियों को 14% का योगदान दिया जाता है। कर्मचारी का योगदान 10% ही रहेगा। इस प्रकार यूपीएस में कुल 28.50% राशि हो जाएगी। जबकि एनपीएस में 24% ही रहती है।

एक्सपर्ट किस पेंशन स्कीम को बता रहे है खास?

एक्सपर्ट्स का मानना है की यूनिफाइड पेंशन स्कीम नेशनल पेंशन स्कीम से बेहतर है। यूपीएस में पेंशन की राशि बढ़ सकती है जबकि एनपीएस स्कीम में यह अनिश्चित रहती है। हालांकि, यह स्कीम ओल्ड पेंशन स्कीम जितनी फायदेमंद नहीं है।

पेंशन फंड में केवल 20% राशि ही जाएगी और 8.50% राशि एक अलग पल में जमा हो जाएगी। इस राशि का उपयोग कर्मचारी के रिटायरमेंट के बाद उसकी पेंशन में 50% की कमी होने पर किया जाएगा। यह ये सुनिश्चित करेगा की कर्मचारियों को अंतिम पेंशन का कम से कम 50% पेंशन के रूप में मिले।

विकल्प चुनने का मौका कब तक मिलेगा?

अभी यूपीएस की ड्राफ्ट तैयार की जा रही है। इसके बाद अंतिम गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी। उम्मीद है की यह गाइडलाइन दिसंबर तक जारी हो जाए। इसके बाद कर्मचारियों को 31 मार्च तक यूपीएस या एनपीएस का विकल्प चुनने का मौका दिया जाएगा। यूपीएस स्कीम 1 अप्रेल 2025 से लागु हो जाएगी।

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